सीख रही हूं, कुछ नए हुनर खुद को खुद से बेहतर बनाने को। सीख रही हूं, कुछ नए हुनर खुद को खुद से बेहतर बनाने को।
फिर कलम से कर ली थीं मैंने दोस्ती, दिल-ए-जज़्बात शब्दों में सजाने को। फिर कलम से कर ली थीं मैंने दोस्ती, दिल-ए-जज़्बात शब्दों में सजाने को।
तब से लेकर सारा वर्ष मिलता रहा मान। बढ़ चुकी मेरी सारे विश्व में शान।। तब से लेकर सारा वर्ष मिलता रहा मान। बढ़ चुकी मेरी सारे विश्व में शान।।
करतें है आगे हाथ मदद कर खुशियाँ पाने।। करतें है आगे हाथ मदद कर खुशियाँ पाने।।
ये कल भी था आज भी है और कल भी रहेगा बनके नशा। ये कल भी था आज भी है और कल भी रहेगा बनके नशा।
दिल कहां है मेरा मैं ढूंढू हर जगह. दिल कहां है मेरा मैं ढूंढू हर जगह.